बेटियों ने पिता की इच्छा के आगे भूलाए सब दुख, मेडिकल कॉलेज को देहदान

छोटी-छोटी चार बेटियों ने पिता की इच्छा के आगे भूलाए सब दु:ख, देह-दान करने परिजनों के साथ मेडिकल कॉलेज जाकर शव सौंपा

बीकानेर, 16 अक्टूबर . यूं तो हर मौत दिल को झकझोर देती है लेकिन छोटी-छोटी चार बेटियों का पिता दुनिया छोड़ जाएं तो सुनने वालों तक का दिल रोता है. ऐसी दुखद घड़ी में बेटियां न केवल धैर्य रखें वरन पिता की पार्थिव देह मानव कल्याण के लिए मेडिकल कॉलेज को सौंपने जैसे निर्णय में सहमति जताए तो उनकी हिम्मत के आगे सर तो झुकता ही है.

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कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है बड़ा बाजार निवासी मनोज कुमार पारख की मौत पर परिजनों की ओर से लिए गए निर्णय पर. पारख की मृत्यु पर जहां पूरा परिवार गमगीन था वहीं उनकी बहिन सुनीतादेवी सुराणा ने भाई की अंतिम इच्छा के अनुरूप देहदान करने की बात बताई. बेटियों ने पिता की इच्छा के आगे अपने सब दुख भुलाए और बुआ सहित परिजनों के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंची. यहां देहदान की औपचारिकताएं पूरी कर शव सौंप दिया.

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इस परिवार को दिलासा देते मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुजन सोनी तक भावुक हो गए. पारख की देह अपने अधिकार में लेते हुए एनाटोमी विभाग के doctor जसकरण, doctor मोहन सिंह, doctor रामेश्वर व्यास, वरिष्ठ तकनीशियन मोहन व्यास, कमलेश व्यास तथा सहायक कर्मचारी श्रवण आदि भी भावुक हुए. इस अवसर पर सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक doctor गुंजन सोनी ने पारख़ परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की ओर कहा की देह दान मेडिकल स्टूडेंट्स के प्रायोगिक अध्ययन में सहायक होती है परिणाम स्वरूप समाज को कुशल doctor उपलब्ध होते है.

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/राजीव/ईश्वर