समाज में बदलाव का सबसे प्रभावी साधन है शिक्षा : उपराष्ट्रपति

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jaipur, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) . उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिक्षा समाज में बदलाव का सबसे प्रभावी माध्यम है. हर क्षेत्र में वही लोग नेतृत्व कर रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा में भी अपना स्थान बनाया. उन्होंने अपने जीवन में अपने सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ के संस्कारों और अनुभवों के महत्व को याद करते हुए कहा कि “मेरा असली जन्म तो सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में ही हुआ.”

उपराष्ट्रपति Tuesday को jaipur में Rajasthan पत्रिका के संस्थापक स्वर्गीय कर्पूर चन्द कुलिश की स्मृति में कोठरी परिवार के ‘द कुलिश स्कूल’ के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य गणमान्य अतिथियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने जोर दिया कि हर बच्चे को उसकी रुचि के अनुरूप अपनी प्रतिभा को अभिव्यक्त करने के पर्याप्त अवसर मिलने चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में हमारी पांच हजार साल पुरानी संस्कृति में शिक्षा के महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया है. इस संदर्भ में उन्होंने संविधान की मूलप्रति जिस पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, उस पर अंकित चित्रों का जिक्र किया. संविधान की मूलप्रति के भाग 2 के पृष्ठ पर गुरुकुल का चित्र बना है तो भाग 4 वाले पृष्ठ पर कुरुक्षेत्र में कृष्ण द्वारा गीता उपदेश का प्रसंग अंकित है. उन्होंने कहा ये चित्र, संविधान सभा द्वारा शिक्षा को दिए गए महत्व को दर्शाते हैं.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने स्वर्गीय कर्पूर चन्द कुलिश की प्रतिमा का अनावरण भी किया. उन्होंने कहा कि कुलिशजी की यह प्रतिमा विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी. इस संदर्भ में धनखड़ ने कहा कि कुलिश जी स्वयं वेदों के विद्वान थे तथा शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कारों के प्रबल समर्थक थे. उपराष्ट्रपति ने इस स्कूल की स्थापना के लिए कोठारी परिवार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह स्कूल उनकी एक महत्वपूर्ण विरासत है.

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हिंदी पत्रकारिता में कुलिश के योगदान को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें हिंदी पत्रकारिता का पुरोधा बताया. उन्होंने कहा कि कुलिश जी पाठकों को भगवान मानते थे. यद्यपि उस समय के बड़े राजनेताओं से उनके आत्मीय संबंध थे तथापि उन्होंने दबावों और प्रभावों से निस्पृह रह कर, पाठकों के हित में निष्पक्ष पत्रकारिता की. उपराष्ट्रपति ने भारत की बढ़ती आर्थिक क्षमता पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था लंदन-पेरिस जैसे शहरों के बराबर थी लेकिन आज हम विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं.

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इस मौके पर Rajasthan सरकार के उपChief Minister प्रेमचंद्र बैरवा, विधान सभा अध्यक्ष देवनानी, राज्यसभा Member of parliament घनश्याम तिवाड़ी, jaipur की मेयर सौम्या गुर्जर, Rajasthan पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, द कुलिश स्कूल के प्रबंधन मंडल के सदस्य तथा स्कूल के प्रधानाचार्य देवाशीष चक्रवर्ती सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे.

(Udaipur Kiran) /ईश्वर

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