इमर्शन ट्रेनिंग के लिए अभियंताओं को भेजने पर विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उठाये सवाल

Lucknow, 02 अप्रैल (Udaipur Kiran) . उप्र पावर कार्पोरेशन ने सभी बिजली कंपनियों में 15-15 अभियंताओं को अडानी पावर टाटा पावर, टोरेंट पावर रिलायंस पावर, Noida पावर कंपनी में इमर्शन ट्रेनिंग के लिए चिन्हित किया गया है. इस मुद्दें पर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाया है. उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि कार्पोरेशन प्रबंधन यह स्पष्ट करे कि आखिर उप्र वितरण क्षेत्र में जिन कंपनियों की नजर है, आखिर उन्हीं कंपनियों को क्यों चिह्नित किया गया है.

उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाया कि जिन निजी घरानों को चिह्नित किया गया, उनमें से 90 प्रतिशत निजी घराने शहरी क्षेत्र में काम करते हैं. ऐसे में यदि पावर कॉरपोरेशन अध्ययन के लिए योजना बना रहा है तो Uttar Pradesh में 75 प्रतिसत ग्रामीण क्षेत्र है. ऐसे में देश के अन्य सरकारी बिजली कंपनियों में अध्ययन किया जा सकता था. उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जिन निजी घरानों को चिह्नित किया गया, उसमें से अदानी पावर ने पहले से ही Uttar Pradesh में डाल रखी समानांतर वितरण लाइसेंस की याचिका और दूसरे निजी घराने उत्पादन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उनका वितरण क्षेत्र पर कब्जा जमाने की योजना उपभोक्ता परिषद नहीं कामयाब होने देगा.

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Uttar Pradesh पावर कारपोरेशन के निदेशक कार्मिक की तरफ से सभी बिजली कंपनियों के लिए एक आदेश जारी किया गया है कि प्रत्येक बिजली कंपनी सहायक अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक 15 अधिकारियों का नाम भेजें, जिनको इमर्शन ट्रेनिंग करने के लिए टाटा पावर टोरेंट पावर रिलायंस पावर Noida पावर कंपनी व अडानी पावर में ट्रेनिंग कराया जाना प्रस्तावित है. इसको लेकर उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से सवाल किया है कि देश के जिन बडे निजी घरानो में प्रबंधन ट्रेनिंग कराने की बात कर रहा है. उन सभी निजी घरानों की Uttar Pradesh के वितरण क्षेत्र पर नजर है ऐसे में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि केवल देश के बडे निजी घरानों में ही ट्रेनिंग कराने के लिए ऐसी योजना क्यों बनाई गई है देश की अनेकों सरकारी बिजली कंपनी है. उनसे भी सीखा जा सकता है.

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इस मामले पर जब Uttar Pradesh राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के निदेशक कार्मिक से बात की और जानना चाहा की इमर्शन ट्रेनिंग का क्या मतलब है तो उनके द्वारा कहा गया इसका अर्थ डूब कर ट्रेनिंग करना है यानी इसका आशय है कि बिजली कंपनियों के अभियंता वहां जाकर उनकी कार्य प्रणाली कार्य पद्धति को देखकर सीख कर आए. और उसका उपयोग अपने बिजली कंपनी में करें.

Uttar Pradesh राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वास्तव में यदि पावर कॉरपोरेशन की मंशा यही है तो उन्हें यह भी मालूम होना चाहिए कि देश के जिन निजी घरानों में अपने अभियंताओं को भेजने की योजना बना रहा है. उसे यह भी मालूम होना चाहिए कि इसमें 90 प्रतिसत देश के निजी घराने केवल शहरी क्षेत्र में काम करते हैं, जबकि Uttar Pradesh में लगभग 3 करोड 40 लाख विद्युत उपभोक्ता है और उसमें से 75 प्रतिसत विद्युत उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र में है. इसलिए वास्तव में पावर कॉरपोरेशन की मनसा पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है और दूसरा सबसे बडा सवाल अडानी पावर पहले से ही वितरण का पैरेलल लाइसेंस हेतु Noida Ghaziabad के लिए विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर चुका है, जिसमें उपभोक्ता परिषद आपत्तिकर्ता है Noida पावर कंपनी और टोरेंट पावर अपने बिस्तार के बारे में सोचते ही रहते हैं.

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(Udaipur Kiran) /उपेन्द्र/बृजनंदन

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