Kolkata /New Delhi, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) . प. बंगाल में बीरभूम Lok Sabha सीट से भाजपा उम्मीदवार देवाशीष धर ने नामांकन रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ अब Supreme court का दरवाजा खटखटाया है. पूर्व आईपीएस के आवेदन को Supreme court ने स्वीकार किया है और जल्द सुनवाई होगी.
भाजपा ने बीरभूम Lok Sabha सीट पर शताब्दी रॉय के प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देवाशीष धर के नाम की घोषणा कर चौंका दिया था. वह प्रचार भी करते रहे. हालांकि, 25 अप्रैल को यह देखा गया कि देवतानु भट्टाचार्य नाम के एक अन्य भाजपा नेता ने बीरभूम जिला Collector कार्यालय में पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था. बाद में पता चला कि State government ने देवाशीष के इस्तीफे को लेकर एनओसी नहीं दी है, जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने उनका नामांकन खारिज कर दिया.
आयोग की ओर से बताया गया कि" नो ड्यूज सर्टिफिकेट” नहीं देने के कारण देवाशीष की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. आयोग ने इसकी घोषणा तब की, जब खुद Chief Minister ममता बनर्जी ने एक जनसभा से दावा किया कि State government ने उन्हें नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया है. इसलिए आयोग के कदम पर सवाल खड़े हुए और देवाशीष ने हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन हाई कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया गया. अब निगाहें Supreme court पर टिक गई हैं.
Monday को देवाशीष ने कहा कि जब मैंने इस्तीफा दे दिया और चुनाव लड़ने की घोषणा की तो नियमानुसार State government को मुझे मुक्त करना चाहिए लेकिन मुझे लड़ने से रोकने के लिए ही मेरे नो ड्यूज़ सर्टिफिकेट को रोका गया है. यह पूरी तरह से साजिश है और इसके खिलाफ कोर्ट से सकारात्मक फैसले की उम्मीद है.
(Udaipur Kiran) /ओम प्रकाश