पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर का राजद से इस्तीफा

पत्रकारों को अपने इस्तीफे की जानकारी देते पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर 

राजद अब ए टू जेट की पार्टी नहीं : राधाकृष्ण किशोर

पलामू, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) . छतरपुर-पाटन के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण किशोर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही अपने इस्तीफे की कॉपी प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव को प्रेषित कर दिया है. किशोर के साथ राजद के प्रदेश महासचिव प्रशांत किशोर एवं सचिव राजकमल तिवारी ने भी इस्तीफा दे दिया है.

राधाकृष्ण किशोर मेदिनीनगर में दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ Wednesday को पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने इस्तीफा देने की जानकारी दी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद अब एटूजेड और विकास के लिए सामाजिक भाईचारा की पार्टी नहीं रह गयी है. पलामू Lok Sabha के संयोजक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा द्वारा समाज को बांटने वाले दिए गए बयान पर भी किशोर आहत दिखे. साथ ही एटूजेड पार्टी बनाने में तेजस्वी यादव के असफल रहने पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की. राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि फिलहाल वे किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे. Lok Sabha चुनाव में वैसे व्यक्ति के लिए काम करेंगे जो पलामू-गढवा के विकास के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही जिसकी जीत से राष्ट्रीय एकता अखंडता मजबूत हो वैसे उम्मीदवार को सपोर्ट करेंगे.

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किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने यह नारा दिया था कि हमारी पार्टी समाज के सभी वर्गों (एटूजेड) की पार्टी है, परंतु दूसरी ओर पलामू Lok Sabha के चुनावी अभियान को शुरू करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता गौतम सागर राणा ने एक इलेक्ट्रोनिक Media को दिए गए बयान में यह कहा है कि मोदी चुनाव जीतते हैं तो देश ब्रह्मणवाद की ओर मुड़ जायेगा. Lok Sabha चुनाव के अवसर पर गौतम सागर राणा के बयान स्पष्ट है कि राजद एटूजेड की पार्टी नहीं है. यह स्थापित सत्य है कि किसी भी राजनैतिक संगठन के लिए विश्वास एक बड़ी पूंजी है. यदि पार्टी से कार्यकर्ताओं और जनता का विश्वास उठ जाए तो फिर वैसे राजनैतिक दल स्वयं को जनता के बीच स्थापित नहीं कर सकता है.

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ज्ञातव्य है कि कुछ दिन पहले झारखंड के वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता गिरिनाथ सिंह को बड़े ही ताम-झाम के साथ राजद में शामिल कराया गया था. गिरिनाथ सिंह चतरा Lok Sabha से चुनाव लड़ना चाहते थे. पार्टी में शामिल करवाने के बाद चतरा Lok Sabha से गिरिनाथ सिंह को प्रत्याशी नहीं बनाया गया. यदि गिरिनाथ सिंह को चतरा से Lok Sabha सीट पर प्रत्याशी बनाया जाता तो स्वर्ण मतदताओं मंे एक अच्छा संदेश जाता. गठबंधन के तहत मात्र पलामू Lok Sabha सीट पर चुनाव लड़ने से प्रदेश राजद के कार्यकर्ता अपने को ठगा-ठगा महसूस कर रहे हैं.

राष्ट्रीय जनता दल का समाजिक न्याय और सभी वर्गों के उत्थान के सिद्धातों से प्रभावित होकर मैंने वर्ष 2020 में राजद की सदस्यता ग्रहण की थी. वर्ष 1995 में झारखंड क्षेत्र के 13 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने तथा 15 सीटों पर दूसरा स्थाना प्राप्त करने वाली पार्टी राजद वर्ष 2019 के Assembly Elections में मात्र एक सीट पर ही सिमट कर रह गई. फलस्वरूप पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा-हताशा की भावना व्याप्त हो गयी. प्रदेश राजद कार्यकर्ताआंे का मानना था कि दो चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने से पार्टी संपूर्ण झारखंड राज्य में स्वयं को विस्तारित नहीं कर सकती है. पार्टी कार्यकर्ताओं की यह भावना थी कि 2024 के Lok Sabha चुनाव मंे चतरा, पलामू, कोडरमा तथा गोड्डा चार सीटों पर तथा विधानसभा की लगभग 25 सीटों पर राजद को चुनाव लड़ना चाहिए. पार्टी के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि गठबंधन के नाम पर पार्टी केवल एक Lok Sabha सीट पलामू ही ले पायी. स्पष्ट है कि गठबंधन के तहत अगामी Assembly Elections में राजद को दो-चार सीटों से अधिक नहीं मिलने वाला है.

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(Udaipur Kiran) /दिलीप

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