कामधेनु नि:शुल्क बीमा योजना में सरकार ने किया किसानों से धोखा :सीआर चौधरी

कामधेनु नि:शुल्क बीमा योजना में सरकार ने किया किसानों से धोखा

jaipur, 4 नवंबर . भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सीआर चौधरी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार एक के बाद एक जनता के सामने झूठ परोसकर छल कर रही है. किसानों के साथ कर्ज माफी के नाम पर किए गए धोखे को लोग भूले भी नहीं थे कि Chief Minister ने महंगाई राहत शिविर में कामधेनु बीमा योजना के नाम पर पशुपालकों के साथ भी धोखा कर दिया. इस योजना के तहत जगह जगह शिविर लगाकर करीब एक करोड पशुपालकों के रजिस्ट्रेशन किए गए लेकिन अब तक उनका बीमा नहीं हुआ है. ऐसे में कांग्रेस के Chief Minister की घोषणाओं की विश्वसनियता पर सवाल उठने लाजमी है.

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सीआर चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार ने Rajasthan की जनता के धोखा करने के अलावा कोई कार्य नहीं किया. गहलोत सरकार ने लंपी जैसी महामारी (Epidemic) के दौरान किसानों के साथ मुआवजे तक को लेकर चालबाजी की. सरकारी आंकड़ें जारी होने के बावजूद करीबन आधे ही गोपालकों को मुआवजा दिया गया. इतना ही नहीं, महंगाई राहत शिविर में कामधेनु नि:शुल्क बीमा योजना के तहत हजारों-लाखों किसानों से पंजीयन करवा लिया लेकिन योजना के क्रियान्वयन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक एक भी किसान का बीमा नहीं किया गया है. Chief Minister ने जनता से छल करने के लिए भीलवाडा में बडा कार्यक्रम आयोजित कर इसकी औपचारिक शुरूआत की और उसके बाद योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. Chief Minister गहलोत की अब चुनावों में गारंटियों के नाम पर एक बार जनता से छल करने की तैयारी है.

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भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सीआर चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार की ओर से जिले में महंगाई राहत शिविर लगाकर करीबन 1 करोड़ से अधिक किसानों ने अपने पशुओं के बीमा के लिए पंजीयन करवाया. योजना का लाभ लेने के लिए पशु चिकित्सालयों में पहुंच रहे पशुपालक मायूस हो कर लौट रहे हैं. गरीब पशुपालकों की दिक्कत बढऩे लगी है. पशुओं की मृत्यु होने पर दुधारू पशुओं की कीमत कई हजार रुपए होने पर उनके लिए इन्हें दुबारा खरीदना मुश्किल हो जाता है. इसमें अधिकतम दो गायों या भैंस का नि:शुल्क बीमा करने व इनकी मृत्यु पर अधिकतम 40 हजार रुपये देने का प्रावधान है. लेकिन अभी तक इसका लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि सरकार ने घोषणा तो कर दी लेकिन अभी तक बीमा कंपनी से योजना का लाभ दिलाने के लिए एमओयू तक नहीं हुआ.

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भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सीआर चौधरी ने कहा कि वहीं दूसरी ओर Rajasthan में कोरोना के बाद गायों में फैली लंपी बीमारी से हजारों गायों की मौत हो गई थी. हजारों पशुपालक इससे प्रभावित हुए थे. Rajasthan में सभी जिलों में लंपी बीमारी से 15 लाख 67 हजार 217 गोवंश प्रभावित हुए थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 76 हजार से अधिक पशुओं की मौत हुई, हालांकि मृत मवेशी की संख्या इससे कहीं अधिक है. सरकार ने इसमें भी किसानों से भेदभाव किया. Chief Minister गहलोत ने फरवरी महीने में बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि लंपी से प्रभावित पशुपालकों को सरकार प्रति गोवंश 40 हजार रुपये का मुआवजा देगी, लेकिन जब मुआवजा देने की बात आई है तो सरकारी नियमों के फेर में करीबन 36 हजार गोवंश पालकों को मुआवजा नहीं मिल पाया. Rajasthan में Jodhpur में लगभग 4159, बाड़मेर 2847, Jaisalmer 982,Jalore3235, पाली 2136, Bikaner2985, चूरु 3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई थी और पशुपालक आज भी मुआवजे का इंतजार कर रहे है.

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