रांची, 2 मई (Udaipur Kiran) . झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर झारखंड ह्यूमन राइट कॉन्फेडेरेशन की जनहित याचिका की Thursday को सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि झारखंड में बायोमेडिकल कचरा का ठीक से निष्पादन नहीं होने से नर्सिंग होम एवं अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरा सड़कों पर बिखरे दिखते हैं, जिससे मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए सरकार या संबंधित अथॉरिटी को बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर सजग रहने की जरूरत है.
कोर्ट ने मामले में डायरेक्टर इन चीफ, हेल्थ डिपार्मेंट को शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि झारखंड में संचालित कितने नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल निबंधित है, इनमें से कितने नर्सिंग होम अपने बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन को लेकर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई निर्धारित की है.इससे पूर्व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड में अभी पांच जगहों लोहरदगा,रामगढ़, पाकुड़, धनबाद एवं आदित्यपुर में बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट चल रहे हैं. जबकि जबकि देवघर में अभी बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है.
(Udaipur Kiran) /वंदना