खेल को लेकर बच्चों के पत्र पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने न्याय मित्र किया नियुक्त

नैनीताल, 01 मई (Udaipur Kiran) . हाई कोर्ट ने गली मोहल्लों में खेलने वाले बच्चों की खेल सम्बंधित दिक्कतों के मामले पर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिवक्ता सिद्धान्त मनराल को न्याय मित्र नियुक्त किया है. न्याय मित्र याचिका की अगली सुनवाई की तिथि पर अदालत को सुझाव देंगे कि खेलों से वंचित बच्चों के लिये खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने में आम समाज कैसे योगदान दे सकता है ताकि इन बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने में मदद मिल सके.

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मुख्य न्यायधीश रितू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार क्रिकेटर विराट कोहली के एक वीडियो के आधार पर कुछ बच्चों ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर उनके खेलने के लिये मैदान न होने व गली मोहल्लों में अंकल, आंटी द्वारा खेलने से मना करने से उनका बचपन प्रभावित होने की शिकायत की थी. इस पत्र का हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. इस मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व में खेल मंत्रालय भारत सरकार, खेल निदेशक उत्तराखण्ड, सचिव शहरी विकास Uttarakhandसे जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि खेलो इंडिया के तहत कोई ऐसी पॉलिसी है जिसके तहत बच्चों के शाररिक विकास के लिए खेल के मैदान बनाये जा सकें. हाई कोर्ट ने कहा है कि खेल के मैदान न होने से बच्चे मोबाइल, कम्प्यूटर में समय बर्बाद कर रहे हैं जिससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास बाधित हो रहा है.

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(Udaipur Kiran) /लता नेगी

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