jaipur, 31 अक्टूबर . भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि Rajasthan की कांग्रेस सरकार के शासन में पिछले 5 सालों में प्रदेश का औद्योगिक विकास ठप हो गया है और यहां पर अधिकारियों तथा मंत्रियों की कमीशनखोरी के कारण बड़े उद्योगपतियों को Rajasthan से मोह भंग हो रहा है. इसका कारण है कि State government ने इन्वेस्ट समिट के नाम पर करोडों रूपए फूंकने के बाद भी Rajasthan में निवेश नहीं ला पाई है. वहीं इस समिट के नाम पर उद्योग विभाग के अधिकारियों और मंत्रियों ने जमकर देश-विदेश में पर्यटन का लाभ उठाया है.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने Tuesday को यहां जारी बयान में कहा कि आंकड़ों के अनुसार Rajasthan सरकार ने इन्वेस्ट Rajasthan समिट के तहत 30 जनवरी 2023 तक 4195 एम.ओ.यू, एल.ओ.आई करार किये. इसमें से अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक के 91 एम.ओ.यू, एल.ओ.आई भी क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है. सरकार के इस हाल को देखकर बताया जा सकता है कि Rajasthan में निवेश की क्या स्थिति रही है. प्रदेश में महंगी बिजली तथा Petrol और डीजल पर ज्यादा डीजल के कारण उद्योगों को यहां कोई सहूलियत नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब यहां स्थापित उद्योग भी पडौसी राज्य Gujarat या Haryana में जमीन तलाश कर रहे हैं.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि यही हाल राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्रों का भी है. प्रदेश में वर्ष जनवरी, 2019 से दिसम्बर, 2022 तक 62 नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये गये हैं. इन औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं का विस्तार नहीं किए जाने और उद्योगों को लगाने में आ रही परेशानियों के कारण नये स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में से आवंटन के लिए खोले गये 47 औद्योगिक क्षेत्रों में 1349 भूखण्डों का आवंटन हुआ है, जबकि अब भी 9111 भूखण्ड आवंटी का इंतजार कर रहे हैं. हालात यह है कि State government को औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटन के लिए भी आवंटी नहीं मिल रहे हैं.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि इसके अलावा पिछले दिनों बिजली संकट के कारण शुरू हुई बिजली कटौती भी अब तक बंद नहीं हो रही है. इसके कारण उद्योगों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. इसको देखते हुए उद्योग अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. प्रदेश में उद्योग धंधे बंद होने या पूरी क्षमता से कार्य नहीं किए जाने के कारण दिनों दिन इनमें श्रमिकों की कटौती की जा रही है. हाल यह है कि State government ने पिछले पांच साल के शासन में नए रोजगार के अवसर तो सृजित नहीं किए लेकिन उद्योगों को बंद कर जो रोजगार मिल रहा था उसे भी छीन लिया है.
ा कौशल