खुद को रोज इम्प्रूव करने की जिद करो- अचिन बंसल

मेगा सेमीनार में मुख्य वक्ता अचिन बंसल

kota, 2 नवंबर . बहुराष्ट्रीय कंपनी मॉर्गन स्टेनले, लंदन के कार्यकारी निदेशक आईआईटीयन अचिन बंसल ने कोचिंग विद्यार्थियों से कहा कि जेईई-मेन,2024 में आपका मुकाबला 11 लाख परीक्षार्थियों से नहीं, बल्कि खुद से ही है. इसलिये हर रोज खुद को इम्प्रूव करते रहें. ई-सरल कोचिंग संस्थान के मेगा सेमीनार में मुख्य वक्ता अचिन बंसल ने कहा कि kota में दो साल की तैयारी करके आप 11 लाख स्टूडेंट्स से आगे नहीं निकल सकते हो. इसके लिये रेगुलर पढाई करते हुये यह ठान लें कि प्रवेश परीक्षा के लिये मैने अपनी बेस्ट तैयारी कर ली है. इस एटीट्यूड के साथ पेपर देने वाले विद्यार्थी अच्छी रैंक से सफल होते हैं.

ई-सरल संस्थान के तीनों निदेशक डॉ.एनके गुप्ता, प्रतीक गुप्ता एवं सारांश गुप्ता आईआईटीयन है. कोचिंग विद्यार्थियों का मनोबल बढाने के लिये सीपी ऑडिटोरियम में आयोजित मेगा सेमिनार में 1100 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुये. ऑल इंडिया टॉपर अचिन ने कहा कि अपने आपको रोज इम्प्रूव करने की जिद करो. टेस्ट में नंबर कम आने पर कोई आपसे कहे कि तुम नहीं कर पाओगे, तो एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दो. किसी बात को दिल पर नहीं लें. क्लास में मिलने वाली डेली प्रॉब्लम प्रेक्टिस (डीपीपी) को रोज हल करके संभालकर रखें, बाद में इससे रिवीजन करें.

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kota कोचिंग ने बनाया ऑल इंडिया टॉपर-

Punjab के कोटकापुरा कस्बे में रहने वाले अचिन ने दो साल kota में रहकर क्लासरूम कोचिंग ली थी. उन्होंने जेेईई-एडवांस्ड,2007 में ऑल इंडिया रैंक-1 पर सफल होकर आईआईटी, बॉम्बे से बीटेक किया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि Punjab से कक्षा-10वीं तक पढते हुए मैं पापा की तरह doctor बनना चाहता था. लेकिन मैथ्स अच्छी होने से मैने आईआईटी में जाने का सपना देखा. kota में कोचिंग अच्छी मिलने से मैं दो साल यहां रहा. kota में मुझे कोचिंग संस्थान के टेस्ट में कभी रैंक-1 नहीं मिली. संस्थान के 40 बैच में से मैं 20वें बैच में पढता था. कोचिंग में देरी से प्रवेश लेने से मेरा बेकलॉग बहुत था, सिलेबस पूरा करने के लिये मैने लगातार पढाई करने का समय बढा दिया. जब तक सारे सवाल हल नहीं हो जाते, मैं रूकता नहीं था. मैने रैंक के लिये कभी पढाई नहीं की. हम क्लास में पीछे बैठकर भी कॅरिअर में छलांग मार सकते हैं. कोई सवाल एक बार हल नहीं हो तो कोई बात नहीं, लेकिन इतनी मेहनत करो कि दूसरी बार में वह हल हो ही जाये. जेईई-एडवांस्ड परीक्षा के रिजल्ठ में जब र्मं ऑल इंडिया टॉपर घोषित हुआ तो मुझे और पेरेंट्स को विश्वास ही नहीं हुआ कि नियमित पढाई यहां तक पहुंचा सकती है.

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एक student ने पूछा कि kota में पढते हुये आपने तनाव महसूस किया. अचिन ने कहा कि हम kota में 15-16 साल की उम्र में पढने के लिये आते हैं. यहां घर से दूर रहते हुये खाना घर जैसा नहीं मिल पाता है. अकेलापन भी रहता है. कुछ दिन यहां ठीक से खाना नहीं खाया तो बीमार हो गया. उसके बाद दादा मेरे साथ रहे. उन्होंने रोज साथ में खाना खाते हुए मोटिवेट किया. मैंने सोच लिया कि अब मैं अपना लक्ष्य पूरा कर सकता हूं. उसके बाद दोस्त, फैकल्टी सबसे डाउट दूर करता हुआ आगे बढता गया. आज आपके सामने हूं.

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kota में शुरू होगा ई-सरल गुरूकुल-

ई-सरल के संस्थापक निदेशक डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि संस्थान ने ऑनलाइन कोचिंग देते हुये अब तक 60 हजार से अधिक स्टूडेंट्स को जेईई-मेन, एडवांस्ड व नीट में अच्छी रैंक से सफलता दिलाई है. जेईई-एडवांस्ड में एआईआर-41 से चयनित सह संस्थापक सारांश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने परीक्षा से ठीक पहले बीमारी से जूझते हुये कडी मेहनत से अच्छी रैंक प्राप्त की थी. आईआईटी बॉम्बे से बीटेक निदेशक प्रतीक गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन कोचिंग के बाद अब शिक्षा नगरी में ई-सरल गुरूकुल की शुरूआत की जा रही है. यह अन्य कोचिंग केंद्रों से अलग होगा. इस गुरूकुल में कुल 2500 सीटें होंगी, जिसमें कोई बैच प्रणाली नहीं रहेगी. स्टूडेंट्स को क्लासरूम के साथ ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल भी उपलब्ध कराया जायेगा. सेमिनार मे भाग लेने वाले छात्रों को संस्थान ने 1500 रुपये मूल्य की टेस्ट सीरीज भी निशुल्क वितरित की.

/ईश्वर