Haridwar , 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) . अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमंहत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि संताें का जीवन परमार्थ को समर्पित होता है. ब्रह्मलीन स्वामी बागीश्वरानंद महाराज संत समाज का गौरव थे. जिन्होंने Haridwar से विश्वभर में धर्म और संस्कृति की पताका को फहराने का कार्य किया. राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा.
वे भूपतवाला स्थित चेतन ज्योति आश्रम में गुरुजन स्मृति श्रद्धांजलि समारोह में बोल रहे थे. यह समारोह चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज के तत्वावधान और बाबा हठयोगी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित हुआ.
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश और महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है. ब्रह्मलीन बागीश्वरानंद महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे. उनके किए गए सेवा प्रकल्पों में बढ़ोतरी करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज और उनके शिष्य महंत शिवम महाराज राष्ट्र की उन्नति और धर्म के उत्थान में अपना अतुल्य सहयोग प्रदान कर रहे है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने में संतों ने अग्रणी भूमिका निभाकर सदैव समाज को समरसता का संदेश दिया है. चेतन ज्योति आश्रम और चेतन ज्योति संस्कृत महाविद्यालय द्वारा स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर देश हित और सनातन धर्म के उत्थान के लिए समर्पित कर रहे हैं. समस्त समाज के लिए यह गौरव का विषय है.
चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद और महंत शिवम महाराज ने कहा कि संतों की सेवा करते हुए भारतीय संस्कृति और धर्म के उत्थान में सहयोग करना और गौ, गंगा संरक्षण के लिए युवा संतों को प्रेरित करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है.
(Udaipur Kiran) / रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज