सोनीपत, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) . दीनबंधु छोटू राम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डीसीआरयूटीए) मुरथल में Thursday को 12 मांगों को लेकर अध्यापक धरने पर बैठे हैं. अध्यापक संघ के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय में नहीं आए ना ही उनकी किसी ने समस्या का समाधान करने की बात की इसलिए यह धरना Friday को जारी रहेगा.
प्रधान सुरेंद्र दहिया ने कहा कि यह धरना देते हुए इस बात का ध्यान रखा गया है कि छात्र-छात्राओं की पढाई अवरुद्ध ना हो इसलिए अध्यापक अपने छात्र-छात्राओं की पढाई का ध्यान दे रहे हैं. लेकिन साथ ही साथ अपनी समस्याओं को प्रबंधन के सामने भी रख रहे हैं. लंबित मुद्दों का समाधान न होने के धरना देने की सूचना आला कमान को दी पहले दी गई थी.
मांगों में मुख्य रुप से लंबे समय से सीएएस प्रमोशन प्रोफार्मा के कारण फैकल्टी की प्रमोशन रुकी हुई है. अध्यक्ष डीसीआरयूटीए को गठन के लिए गठित किसी भी समिति का सदस्य हो. लंबित कुछ संकाय सदस्यों के पदोन्नति मामलों पर कार्रवाई हो. अक्टूबर 2022 से किसी भी पदोन्नति मामले पर कार्रवाई नहीं हुई. जनवरी 2024 से देय संकाय सदस्यों की वार्षिक वेतन वृद्धि अभी तक जमा नहीं की गई है. एचएजी का अनुदान काफी समय से लंबित है. एचएजी यथाशीघ्र प्रदान किया जाए. डीन, चेयरपर्सन, संबंधित सेल और संकाय सदस्यों की वरिष्ठता की अनदेखी न हो. असाइनमेंट में उल्लिखित कार्यकाल पूरा किए बिना, पहले सौंपे गए पोर्टफोलियो से हटा दिया गया है.
विश्वविद्यालय के अधिनियम के अनुसार डीन, प्रबंधन अध्ययन संकाय, मानविकी संकाय, सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर विज्ञान संकाय का पोर्टफोलियो लंबे समय से नहीं सौंपा गया है. पीने का पानी, शौचालय, पानी की टंकियों की नियमित सफाई और लिफ्टों का संचालन आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं असंतोषजनक. लैपटॉप, फर्नीचर, प्रिंटर की कमी दूर कर तुरंत उपलब्ध कराई जाए. रेजिडेंट के लिए रखरखाव शुल्क का भुगतान करने के बाद भी गत 7 साल से अधिक समय से लंबित है.
विश्वविद्यालय में चोरी, आवासीय क्षेत्र, विश्वविद्यालय परिसर में अनधिकृत आगंतुकों जैसे सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. विश्वविद्यालय के बाहर के छात्रों की निगरानी के लिए एनओसी, अनुसंधान परियोजनाओं के अनुदान का उपयोग, पीएचडी जमा करने में कठिनाइयां, थीसिस, साहित्यिक चोरी सॉफ़्टवेयर सदस्यता नवीनीकरण. संबधित अधिकारियों से अनुरोध है कि इसमें तेजी लाएं ताकि शिक्षाविदों के हित में विश्वविद्यालय में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके.
(Udaipur Kiran)