jaipur, 4 मई (Udaipur Kiran) . Ajmer हाईसिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों द्वारा व्यापारियों, नेताओं सहित अन्य लोगों को धमकी देकर वसूलने जाने वाले रुपयों का बंटवारा टका यानि प्रतिशत के हिसाब से होता था. जेल में बैठकर धमकी देने वाले मुख्य सरगना अपने पास 40 टका रखता था. बाकी रुपयों का बंटवारा उनके काम के हिसाब से होता था. इस मामले में पीडित से रुपये लाने वाले को 10, मोबाइल व हथियार जेल तक पहुंचाने वाले को 10 टका दिया जाता था. जेल प्रहरी और जेल में बंद सरगना को सुविधा देने के नाम पर उन्हें 20 और गैंग के बाकी सदस्यों को 20 टका रुपये दिए जाते थे. जेल बैठा सरगना बाकायदा हर माह के रुपयों को लेकर टारगेट तय करता था. इसके बाद बड़े व्यापारियों के साथ, कारोबारियों सहित अन्य की तलाश की जाती थी. इसके बाद जेल में बैठकर सरगना मोबाइल से धमकी देकर रुपयों की मांग करता था. धमकी के बाद गैंग के सदस्य पीडित के घर या रास्ते में उसे रोक रंगदारी की बात करने के साथ धमकी देकर जाते थे. इसके बाद पीडित रुपये देना कबूल लेता है, तब गैंग का अलग सदस्य जाकर उससे रुपये लेकर आता है. रुपये नहीं देने पर उस पर जानलेवा हमला सहित अन्य प्लानिंग की जाती थी.
Police ने बताया कि इस गैंग के पास अलग-अलग सोर्स से रुपये आते थे. यह रुपये Bank खातों के साथ नकदी और अन्य माध्यम के रूप में भी होते है. हर माह 10 से 30 लाख रुपये तक की रंगदारी वसूलने की योजना रहती थी. पीडित के रुपये नहीं देने पर उसकी और उसके परिवार के सदस्यों की रैकी की जाती थी. ताकि जरुरत के हिसाब से पीडित को धमकाने के लिए उसका उपयोग किया जा सके.
गिरफ्तार गैंग के सदस्यों का Bank खाता खंगाल रही Police
Police से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गैंग के पास अलग-अलग माध्यमों से रुपये पहुंचते थे. इस मामले में गैंग के सदस्यों के Bank खाते खंगाले जा रहे है. फिलहाल एक दर्जन से अधिक खातों की जानकारी मिली है. इन खातों की Bank से जानकारी मांगी जा रही है. इसके अलावा आरोपितों से पूछताछ कर हथियारों को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है. गैंग के सदस्य कहां से और कितने में हथियार खरीदकर लाते थे. यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इस पूरे मामले में Policeकर्मी तो शामिल नहीं है. इसके लिए आरोपितों के पास मिले मोबाइल की भी जांच की जा रही है. इन मोबाइल्स को एफएसएल टीम के पास जांच के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है.
कोर्ट में किया पेश, मिला तीन दिन का रिमांड
चित्रकूट थानाधिकारी जहीर अब्बास ने बताया कि इस मामले में सुमित यादव निवासी रेवाडी Haryana , विक्रम सिह उर्फ कालू निवासी कोटपुतली, जीतराम चौधरी उर्फ जितेन्द्र निवासी Ajmer , साहिल शर्मा निवासी भिवानी Haryana , राकेश जांगिड उर्फ राहुल निवासी पीपलू टोंक, गंगाराम गुर्जर निवासी धूधरा jaipur रोड, मनोज सिंह उर्फ प्रियांशु चौधरी निवासी Bharatpur , रामस्वरूप चौधरी निवासी महावीर कॉलोनी किशनगंज Ajmer , नरेश कुमार निवासी बाडमेर, विक्रम सिंह निवासी मण्डावरा Nagaur , पवन जागिड निवासी लाडपुर Nagaur को अरेस्ट किया गया. इन सभी को Saturday को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इनकों तीन दिन के रिमांड पर Police को सौंप दिया गया है. इस आरोपितों से पूछताछ कर रंगदारी, हथियार और रुपयों के बंटवारे सहित अन्य जानकारी जुटाई जाएगी. यहीं नहीं इस गैंग के सदस्यों के पास रुपयों की आमद किन-किन रिसोर्स से होती थी इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.
गौरतलब है कि Ajmer हाईसिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों द्वारा व्यापारियों, नेताओं सहित अन्य को धमकी देकर फिरौती वसूलने के खेल में Friday को गोगामेडी मर्डर केस में बंद सुमित यादव, दो जेल कर्मचारियों सहित 11 बदमाशों को अरेस्ट किया है. जेल में बंद बदमाशों तक जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से मोबाइल व अन्य साजो सामान पहुंचाया जा रहा था. धमकी के लिए जेल में बंद बदमाशों तक मोबाइल पहुंचाने, फिरौती की रकम वसूलने सहित पूरे खेल के लिए बदमाशों की एक पूरी गैंग सक्रिय है. इस गैंग में हथियार सप्लायर, रंगदारी के रुपए वसूलने वाले, पीडित को धमकी देने वाले सहित अन्य लोग शामिल है. इस पूरी गैंग के तार संगठित रुप से जुडे़ हुए है.
(Udaipur Kiran) / राजेश