हमीरपुर, 01 मई (Udaipur Kiran) . ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी में चार और पांच मई को हिमाचल की संस्कृति पर दो दिवसीय परिसंवाद होने जा रहा है. यह परिसंवाद ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी और भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद New Delhi के संयुक्त तत्वावधान में ‘Himachal Pradeshकी सांस्कृतिक धरोहर’ होगा.
राष्ट्रीय परिसंवाद के संयोजक डॉ. कर्म सिंह ने बताया कि 4 मई को परिसंवाद के उद्घाटन सत्र में प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति योजना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा मुख्य अतिथि होंगे तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद New Delhi के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्याय कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
वहीं राष्ट्रीय प्रद्यौगिकी संस्थान हमीरपुर की कुलसचिव डॉ. अर्चना संतोष ननोटी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहने वाली हैं. जबकि 5 मई को समापन सत्र में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रद्यौगिकी संस्थान हमीरपुर के निदेशक प्रो. हीरालाल मुरलीधर सूर्यवंशी होंगे तथा प्रो. ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, डॉ. यशवंत सिंह परमार पीठ, Himachal Pradeshविश्वविद्यालय Shimla कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. प्रो गजेन्द्र सिंह अध्यक्ष अफ्रीकी अध्ययन विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे.
डॉ. कर्म सिंह ने बताया कि इस राष्ट्रीय परिसंवाद में लगभग 150 शोधकर्ता एवं विद्वान शोध पत्र वाचन, परिचर्चा एवं समीक्षा में सहभागिता करेंगे.
शोध संस्थान नेरी के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने बताया कि Himachal Pradeshकी संस्कृति विश्व प्रसिद्ध हैं. प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर, यहाँ के मंदिर, मेले त्यौहार, खान-पान, रहन-सहन, पुरातत्व, पहाड़ी चित्रकला, लोक कलाएं, लोक संगीत, वास्तुकला, भाषा एवं लोक साहित्य आदि इसकी सांस्कृतिक विशिष्टता को दर्शाते हैं. इतिहास शोध संस्थान प्रदेश के इतिहास, कला, व संस्कृति के क्षेत्र में गत 20 वर्षों से शोध कार्य कर रहा है.
उन्होने बताया कि शोध संस्थान को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद New Delhi से ‘Himachal Pradeshका बृहद इतिहास’ विषयक शोध परियोजना भी स्वीकृत हुई है जिस पर शोध कार्य अप्रैल माह से प्रारम्भ हो चुका है, जो अगले पांच वर्ष तक चलेगा.
डॉ. चेतराम गर्ग ने बताया कि इस बार के परिसंवाद में प्रस्तुत होने वाले 39 शोध पत्रों का संकलन कर पुस्तक ‘Himachal Pradeshकी सांस्कृतिक धरोहर’ (भाग-1) के रूप में प्रकाशन किया गया है जिसका विमोचन परिसंवाद में किया जाएगा. शोध संस्थान नेरी द्वारा प्रकाशित एक अन्य पुस्तक ‘पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में ऋषि परम्परा’ का विमोचन भी किया जाएगा. परिसंवाद में प्रस्तुत होने वाले अन्य शोध पत्रों का प्रकाशन कर पुस्तक का दूसरा भाग भी शीघ्र पाठकों के हाथ में होगा.
इस परिसंवाद में Himachal Pradeshसहित पंजाब, Haryana , दिल्ली, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश से शोधकर्ता Himachal Pradeshकी संस्कृति से सबंधित विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.
(Udaipur Kiran) /उज्जवल