jaipur, 3 नवंबर . भारतीय जनता पार्टी के नेता लक्ष्मीकान्त भारद्वाज ने Friday को आरोप लगाया है कि Bikanerमें एक Gangrape पीडिता के आत्महत्या मामले में Chief Minister Ashok Gehlot के रुख ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं की सुरक्षा की सिर्फ बातें करती है लेकिन महिलाओं को लेकर कांग्रेस नेताओं के मन में कोई सम्मान नहीं है. Bikanerमें Gangrape और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर एक युवती ने मौत को गले लगा लिया और उसके बाद गहलोत ने Bikanerका दौरा किया लेकिन उन्हें इतना भी समय नहीं मिला कि वे पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना दे देते लेकिन Chief Minister Bikanerमें अपने नेताओं के नामांकन दाखिल करवाने और जनसभाओं में व्यस्त रहे. पीड़ित परिवार की एक बार भी सुध नहीं ली. इससे इंगित होता है कि Chief Minister सहित सभी कांग्रेस नेताओं को महिलाओं के प्रति यहीं रवैया रहा है.
भारद्वाज ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सीएम ने इतने गंभीर मसले को हलके में लिया है. इससे पहले भी राज्य में महिला अत्याचार के हजारों मामले सामने आए लेकिन एक बार भी Chief Minister ने ऐसे मामलों में पीड़ितों की सुध नहीं ली. सीएम गहलोत सिर्फ अपने भाषण में ही महिला सुरक्षा और उनके सम्मान की बात करते हैं लेकिन असल में Rajasthan में सबसे बड़े महिला विरोधी वे ही है. महिला सुरक्षा की बात कहने पर Chief Minister ने अपने ही मंत्री राजेन्द्र गुढा को पद से बर्खास्त कर दिया था, वहीं पूरे पांच साल उनकी ही विधायक दिव्या मदेरणा अपने आत्मसम्मान के लिए सरकार के विरोध में ही खडी रही.
उन्होंने कहा कि भीलवाडा में भी एक नाबालिग को Gangrape के बाद जिंदा भट्टी में जला दिया गया और उसके कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भीलवाडा में जनसभा को संबोधित किया जिसमें सभी राष्ट्रीय नेताओं ने शिरकत की लेकिन एक भी कांग्रेस नेता ने उस नाबालिग बालिका के परिवार से मिलकर आना भी उचित नहीं समझा. ऐसा ही मामला प्रतापगढ में भी हुआ जहां महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और वहां भी पीड़ित परिवार की सुध लेने कोई कांग्रेस नेता नहीं पहुंचा. ये घटनाए तो Rajasthan के माथे पर दाग लगाने वाली रही लेकिन इनके बारे में प्रियंका गांधी ने भी एक बार भी मुंह नहीं खोला. इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कितना अंतर है.
/राजीव