Udaipur . नशा नाश का द्वार है, जो बड़ों ही नहीं, बल्कि किशोरों और युवाओं को भी अपराध की दुनिया में धकेल रहा है. नशे की जरुरत पूरी करने या नशे की हालत में जाने-अनजाने में अपराधी बनते जा रहे हैं. परिजनों की कमजोर पकड़ किशोरों और युवाओं को अपराधी बना रही है.
प्रदेश में स्थिति ये है कि पिछले साल 7 हजार ऐसे केस दर्ज हुए, जिनमें आरोपी किशोर थे. Udaipur जिले की स्थिति देखें तो ऐसे अनेक केस सामने आ चुके हैं, जिनमें नशे की लत में जरुरत पूरी करने में किशोर और उनसे कुछ बड़े युवा चोरियां और लूटपाट करने से बाज नहीं आए. प्रदेश में जिलों की स्थिति पर नजर डालें तो सर्वाधिक केस jaipur जिले में है, जबकि दूसरे नम्बर पर Udaipur जिला है. तीसरे नम्बर पर kota है, लेकिन वह केस संख्या में Udaipur से काफी पीछे है.