पेपर लीक प्रकरण में राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोकने की कोशिश है ईडी की कार्रवाई : शेखावत

केन्द्रीय मंत्री शेखावत

New Delhi/ jaipur, 26 अक्टूबर . Rajasthan में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और Chief Minister के पुत्र वैभव गहलोत पर ईडी की कार्रवाई के बाद Chief Minister Ashok Gehlot द्वारा राजनीतिक भेदभाव के चलते कार्रवाई करने के आरोप पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ईडी ने विगत 9 साल में जितनी कार्रवाई की, उसमें से मात्र तीन प्रतिशत राजनीतिक लोगों पर कार्रवाई हुई है. इसलिए ईडी पर आरोप लगाना, उसकी साख को गिराने का षड्यंत्र है. उन्होंने यह भी कहा कि ईडी की Thursday को की गई कार्रवाई पेपर लीक प्रकरण में राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोकने के प्रयासों का परिणाम है.

केंद्रीय भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में शेखावत ने कहा कि Rajasthan में गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे पैमानों को तोड़ दिया है. पेपर लीक इसमें प्रमुख है. इसमें राजनीतिक भ्रष्टाचार हुआ है और ईडी ने इसे रोकने का कोशिश की है. उन्होंने कहा कि यदि ईडी ने केन्द्र सरकार के दबाव में गलत काम किया होता तो आरोपियों को अदालत ने राहत प्रदान कर दी गई होती, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा. ईडी ने पिछले नौ साल में जितने मामलों में जांच की, उसमें 93 प्रतिशत से भी ज्यादा मामलों में सजा हुई है. दुनिया की किसी भी एजेंसी की कनविक्शन दर यह नहीं रही. इसी प्रकार पिछले नौ साल में पांच हजार नौ सौ छह केसों में ईडी ने कार्रवाई की, उसमें से केवल तीन प्रतिशत केस ही राजनीतिक लोगों के खिलाफ है. इसलिए राजनीतिक भदेभाव का आरोप निराधार है.

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शेखावत ने कहा कि Rajasthan में 19 बार पेपर लीक हुए. 70 लाख युवाओं को भविष्य अंधकार में हुआ. भर्ती की व्यवस्था पर युवाओं का विश्वास समाप्त हो गया. पहले सरकार और उसके लोग लीलापोती करते नजर आए. गहलोत साहब कहते थे कि इसमें कोई अधिकारी और कर्मचारी शामिल नहीं है. 18 बार पेपर लीक होने तक के बाद जब आवाज उठी तो आरपीएससी के मेंबर को जेल जाना पड़ा. मंत्री स्तर के व्यक्ति को जेल जाना पड़ा. उसके बाद ईडी ने जांच हाथ में ली. अब ईडी के बाद सरकार बैकफुट पर है.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यदि गोविंद सिंह डोटासरा के तार पेपर लीक से जुड़े हुए मिलते हैं तो इस कार्रवाई से पेपर लीक पीड़ितों को न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि Chief Minister गहलोत पहले कहते हैं कि आर्थिक अनियमिता की जांच होनी चाहिए. फिर जब एजेंसी कार्रवाई करती है तो वे तिलमिला जाते हैं. उनके पुत्र की अनियमिता पर कार्रवाई होती है तो वे तिलमिला जाते हैं.

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मॉरिशस से आ रहा था पैसा

शेखावत ने कहा कि ईडी ने Chief Minister के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की है. यह स्पष्ट है कि उनके तार मॉरिशस से हवाला के जरिए धन का जाना और री-रूट होकर आने के मामलों से इससे जुड़े हुए हैं. देश में कालेधन को जायज बनाने का जो प्रयास होता था, उसे रोकने पर ईडी ने सफलता पूर्वक लगाम लगाई है. यह कहना गलत है कि ईडी केवल विपक्षियों को टारगेट करती है.

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से कांग्रेस के नेताओं को दर्द क्यों?

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने पूछा कि ईडी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करती है तो कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द क्यों होता है? पिछले दिनों कांग्रेस नेता सचिन पायलट जब सरकार से रुष्ठ थे, तब उनकी प्रमुख मांगों में से एक मांग यह पेपर लीक की जांच भी थी. उन्होंने इसे लेकर तब वक्तव्य भी दिया था. पदयात्रा भी निकाली थी. अब जब ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है तो यह गैर कानूनी कैसे हुआ?

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निवेशकों का पैसा लौटाना गहलोत का उद्देश्य नहीं

संजीवनी प्रकरण पर उनका बार-बार नाम लेने पर शेखावत ने कहा कि Chief Minister गहलोत का उद्देश्य सहकारी संस्थाओं द्वारा ठगे गए निवेशकों का पैसा लौटाना नहीं है. यदि ऐसा होता तो Rajasthan में चौदह ऐसी सोसायटी और हैं. एक संजीवनी को छोड़कर अन्य 13 का नाम Chief Minister जी क्यों नहीं लेते? उन्होंने कहा कि संजीवनी प्रकरण में भी गहलोत सरकार की एसओजी ने साढ़े चार साल तक जांच पूरी क्यों नहीं की? अब जाकर मुझे नोटिस दिया गया है. नोटिस में जो दस्तावेज मांगे गए हैं, वे मैं स्वयं पहले ही एसओजी को दे चुका और मंत्री होने के नाते मेरी आय के दस्तावेज पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं. शेखावत ने कहा कि Chief Minister Ashok Gehlot को पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए, फिर मुझ पर सवाल खड़े करने चाहिए.